वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा- Vastu Ke Anusar Ghar Ka Naksha :- घर का नक्शा वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसा होना चाहिए कैसा हो
प्राचीन काल से ही वास्तुशास्त्रः की एहमियत बानी हुई है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा बनाने से आपका घर सुखमय रहता है और साथ ही समृद्वि बनी रहती है। घर का निर्माण केसे और किस प्रकार होना चाहिय यह वास्तु अच्छे से बताता है, घर बनाते समय हमेशा वास्तु के अनुसार घर का नक्शा बनाएं, ऐसा करने से किसी प्रकार का वास्तु दोष उत्पन्न नहीं होते।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा ( Vastu for House )
मकान के वास्तु Tips :-
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा बनाते समय दिशाओ का भी ध्यान अवश्य रखा जाता है। ऐसा करने से आपके घर का हर कोण दिशाओं के अनुकूल बनता है। इसका सबसे बड़ा लाभ है, की घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रहाव बना रहता है।
यदि आप वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा नहीं बनाते है तो आपकी परेशानियाँ बढ़ती है। घर के कोने दिशाओ के अनुकूल नहीं होते तो इस वजह से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रहता है। घर में सुख शांति भी नहीं बनी रहती है। घरवालों के सदस्यों की उन्नति में भी रुकावट आती है। इसलिए जरूरी है की वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा बनाये जाएं। चलिए अब जानते है की वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा केसा होना चाहिए?
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर (Home Naksha)
वास्तुशास्त्रों के अनुसार 9 दिशाएं होती है, इनमे से 8 दिशा होती है और 1 मध्य दिशा होती है, यह एक मध्य दिशा अति आवश्यक होती है। वास्तु के अनुसार घर का यह मध्य स्थान व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर करता है।
और वहीं दक्षिण दिशा करियर से संभंधित होती है, दक्षिण – पश्चिम दिशा ज्ञान और बुद्धिमता से संभंधित होती है, वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की पश्चिम दिशा इंसान के पारिवारिक रिश्तों से संभंधित होती है।
उत्तर दिशा सामाजिक सम्मान से संभंधित होती है, उत्तर पश्चिम दिशा का संबंध धन और समृद्धि से होता है, और घर की उत्तर पूर्व दिशा प्यार और पति-पत्नी के रिश्ते से संभंधित होती है।
घर की पूर्व दिशा का संबंध बच्चों से होता है, यह दिशा बच्चों के स्वास्थय और सोच को प्रभावित करती है, वही दक्षिण पूर्व दिशा आपके परिवार के करीबी लोगों से संभंधित होती है, यह वो लोग है जो आपकी हमेशा सहायता करते है।
दिशाओं के साथ वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा (Vastu Disha)
वास्तुशास्त्र में दिशाओं का महत्व बहुत है, मकान का नक्शा वास्तु शास्त्र दिशा के अनुसार ही बनाना चाहिए। आइए अब जानते है की दिशाओ के साथ घर का नक्शा केसा होना चाहिए?
वास्तु के अनुसार घर का मुख्या द्वार
घर के मुख्या द्वार के लिए पूर्व दिशा सही है, इस दिशा में मुख्या द्वार होने से घर में समृद्धि आती है, मुख्या द्वार दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए, ऐसा होने से मुश्किलें बढ़ती है।
अगर आपका द्वार इस दिशा में है तो आपको वास्तु के उपाय अपनाने चाहिए, मुख्या द्वार के सामने कोई पेड़ नहीं होना चाहिए, द्वार के सामने बिजली का खम्बा भी नहीं होना चाहिए, मुख्य द्वार के सामने तिराहा और चौराहा नहीं होना चाहिए, यदि ऐसा होता है तो घर में नकारात्मकता फैलती है।
वास्तु के अनुसार देवताओं को किस दिशा में रखें ?
मकान के नक़्शे में अग्नि, वायु और जल देवता का ध्यान देना चाहिए, इनकी दिशाएं बदलनी नहीं चाहिए, जो जिसकी दिशा है उस पर उनके सम्भंदित कार्य ही होने चाहिए, जैसे की जल देवता की दिशा में जल के सम्भंदित कार्य।
वास्तु के अनुसार रसोई की दिशा
अग्नि देवता रसोई से संभंधित होते है। आग्नेय कोण और दक्षिण पूर्वी दिशा रसोई के लिए सही है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा इसी हिसाब से बनाएं की रसोई इस दिशा में बने।
वास्तु के अनुसार पानी के टैंक की दिशा
वास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार पानी की जमा करके रखने की सही दिशा ईशान कोण है, यह उत्तर पूर्वी दिशा में होता है, इसीलिए मकान के नक़्शे में पानी का टैंक इसी दिशा में बनवाएं।
वास्तु के अनुसार पूजा घर
वास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार पूजा घर ईशान कोण में होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा
नैऋत्य कोण शौचालय की सही दिशा है, मकान का नक्शा इसी हिसाब से बनाएं की शौचालय इस दिशा में बनाया जाये।
वास्तु के अनुसार केसा होना चाहिए भूमि का ढाल?
ऊर्जा का खिचाव उत्तर दिशा की ओर से दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए। पूर्व , उत्तर, और ईशान दिशा की तरफ भूमि का ढाल होना चाहिए। इसीलिए भूमि का चयन सही से करना चाहिए। घर के निर्माण की शुरुआत यहीं से होती है. वास्तु के अनुसार चुनी गई भूमि लाभदायक होती है।


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