Ganesh Chaturthi Ki Sampurn Jankari | Ganesh Chaturthi 2018

Ganesh Chaturthi Ke Liye Muhrat Or Vidhi Evam Dhayan Yogye Baate:-
"Ganesh chaturthi 2018,ganesh chaturthi muhrat 2018,2018 ganesh chaturthi muhrat, ganesh chaturthi vidhi, ghnesh chaturthi ke din ganesh ji ki sthapna kaise kare, ghanes ji ki sthapna kaise kare,ghanesh ji ka mantrh, ganesh chaturthi ki sampurn jankari"


 "Shree Ganesh Chaturthi 2018"

 || वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ। 
निर्विघ्नं कुरु मे दे सर्व कार्येषु सर्वदा ।।

देश भर में 13 सितंबर से गणेश चतुर्थी के त्‍योहार की शुरुआत होगी। भाद्र मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को पूरे भारतवर्ष में गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर में भगवान गणेश की स्‍थापना की जाती है। आइए जानते हैं स्‍थापना के लिए क्‍या है?

शुभ मुहूर्त और पूजा विधि पूजा का शुभ मुहूर्तगणेश स्‍थापना का शुभारंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 08 मिनट से शुरू होगा। उसके बाद दोपहर के 1 बजकर 34 मिनट तक आप घर में गणपति की स्‍थापना कर सकते हैं।

पूजन सामग्री गणेश स्‍थापना से पहले पूजा की सारी सामग्री एकत्र कर लें। पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गणेश प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत, कलावा जनेऊ, गंगाजलु, सुपारी, इलाइची, नारियल, चांदी का वर्क, सुपारी, लौंग पंचमेवा, घी कपूर आदि एकत्र कर लें। स्‍थापना विधि सुबह स्‍नान के पश्‍चात लाल वस्‍त्र धारण करें। सही दिशा का चुनाव करके चौकी स्‍थापित करें।


 भगवान गणेश की स्‍थापना से पहले उन्‍हें पंचामृत से स्‍नान कराएं। उसके बाद उन्‍हें गंगाजल से स्‍नान कराने के बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश प्रतिमा को स्‍थापित करें। रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रखें।

पूजन विधि स्‍थापना के पश्‍चात गणेश जी को सिंदूर लगाएं और चांदी का वर्क लगाएं। तश्‍पचात जनेऊ, लाल पुष्‍प, दूब, मोदक, नारियल आदि सामग्री भगवान को अर्पित करें।गणेश मंत्र सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्‍ती से भगवान की आरती करें और वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।निर्विघ्नं कुरु मे दे सर्व कार्येषु सर्वदा।। मंत्र का जप करें।


भगवान को भोग गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक जब तक भगवान गणेश घर में रहते हैं तब तक उनका एक परिवार की सदस्‍य की तरह ध्‍यान रखा जाता है। गणपति को 3 बार भोग लगाना अनिवार्य होता है। वैसे गणपति को मोदक का भोग रोजाना लगाना अनिवार्य होता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ