चीन की महान दीवार का इतिहास History of The Great Wall of China –
दुनिया की सबसे बड़ी दीवार जिसे Great Wall of China भी कहते हैं। यह अपनी
बेजोड़ लंबाई की वजह से तो यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है ही लेकिन इसके
अलावा भी इस दीवार से जुड़ी बहुत सारी दिलचस्प कहानियां चाइना में खूूूब
प्रचलित हैं। यहां पर बड़ी संख्या में निर्मित दुर्गम दर्रें भी बेमिसाल
है। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार इस ग्रेट वॉल को देखने के
लिए हर साल बहुत बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं।
चीन की महान दीवार का इतिहास History of The Great Wall of China
चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दीईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यह दीवार 64000किलोमीटर ( 2०,००० मील, चीनी लंबाई मापन इकाई) के क्षेत्र में फैली है।इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग 6700कि॰मी॰ ( 4260मील) है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित 8,851.8 कि॰मी॰ (5,500.3 मील) तक फैली है। अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे।यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग 20 से 30 लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था।
तिब्बत और तुर्किस्तान की सीमा पर इस दीवार को विशेष रूप से मजबूत बनाया गया है, क्योंकि चीन वालों को उस ओर से शत्रुओं का अधिक डर था। कालगन, पीनमन आदि दर्रो की ओर खास-खास दरवाजे बनाए गए थे और उन पर सेना तैनात रखी जाती थी। चीन में यह व्यवस्था आज भी है। धीरे-धीरे यह बड़ी दीवार कहीं-कहीं पर टूटने लगी। सोलहवीं शताब्दी में इसकी मरम्मत हुई। ईंट और पत्थर की बनी हुई यह दीवार सचमुच एक आश्चर्य है।


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